NCERT Solutions For Class 10 Maths Chapter 1 Ex1-3 in Hindi Total Free

 

NCERT Solutions For Class 10 Maths Chapter 1 Ex1-3 in Hindi

 
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यहाँ हम हिंदी में लाये है NCERT का पूरा हल कक्षा 10 गणित पुस्तक के अध्याय 1 वास्तविक संख्याएँ । हमारी Class 10 Maths Chapter 1 Ex1-3 यह पोस्ट उन छात्रों के लिए विशेष उपयोगी हैं जो हिंदी माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं।
NCERT Solutions For Class 10 Maths Chapter 1 का पूरा हल नीचे बहुत सरल भाषा में दिया गया है।
कक्षा: 10
अध्याय:  1
नाम: वास्तविक संख्याएँ
भाषा: हिंदी
पुस्तक: गणित

Class 10 Maths Chapter 1 Ex1-3

Board Uttar Pradesh Board ,Uttarakhand, Bihar Board , Delhi, Goa, Haryana, Himachal Pradesh,  Andaman and Nicobar Islands, Arunachal Pradesh, Jharkhand, Jammu and Kashmir, Sikkim ,Chandigarh.
Textbook NCERT Book
Class Class 10 th
Subject Maths
Chapter Chapter 1
Chapter Name Real Numbers
Exercise Ex 1.3
Solved by Go2math.com
Category NCERT Solutions
Class 10 Maths Chapter 1 Ex1-3 | Ex1.3 Class 10 Maths Q1.सिद्ध कीजिए कि √5 अपरिमेय है।
Solution
इसे हम विरोधाभाष विधि से सिद्ध करेंगें।
माना  √5 परिमेय है।
परिमेय संख्या की परिभाषा के अनुसार – परिमेय संख्या , वह संख्या होती है जिसे p/q के रूप में लिखा जा सकता है। जहां q ≠ 0
अतः
 P/q = √5
दोनों पक्षों का वर्ग करने पर
⇒(P/q)² = (√5)²
⇒p²/q² = 5
⇒5q² = p²
⇒q²=p²/5 ——— 1
अतः  5, p² को  विभाजित करता है। इसलिए 5, p को भी विभाजित करेगा।
By using theorem 1.3
माना
P =5r क्योंकि p, 5 से विभाज्य है। अतः 5 p का कोई गुणन खण्ड होगा।
P का मान समी 1 में रखने पर
⇒q² = (5r)²/5
⇒q² = 5r²
⇒r² = q²/5 ———–2
अतः 5, q² को विभाजित करता है। इसलिए 5, q को भी विभाजित करेगा।
समी 1 व समी 2 से स्पष्ट होता है कि 5 , p & q का उभयनिष्ठ गुणनखण्ड है।
परिमेय संख्या की परिभाषा के अनुसार – p & q का उभयनिष्ठ गुणनखण्ड  सिर्फ 1 होता है।
इस प्रकार हमने जो माना था वह गलत सिद्ध हो गया।
अर्थात् √5 एक अपरिमेय संख्या है।
Class 10 Maths Chapter 1 Ex1-3 | Ex1.3 Class 10 Maths Q2 सिद्ध कीजिए कि 3 + 2√5एक अपरिमेय संख्या है।
इसे हम विरोधाभाष विधि से सिद्ध करेंगें।
माना 3+ 2√5 परिमेय है।
परिमेय संख्या की परिभाषा के अनुसार – परिमेय संख्या , वह संख्या होती है जिसे p/q के रूप में लिखा जा सकता है। जहां q ≠ 0
अतः
 ⇒P/q =  3+ 2√5
  P   – 3 = 2√5     ( पक्षान्तर करने पर)
      q
P – 3q  = 2√5
       q
 P – 3q  = √5 ————1
       2q
समी 1 से स्पष्ट है कि  P – 3q  = √5 एक परिमेय
                                2q
संख्या है तो दांया पक्ष (√5) भी एक परिमेय संख्या ही होगी।
परन्तु हम जानते हैं कि √5  एक अपरिमेय संख्या है। अतः यहां पर विरोधाभाष हो गया जो हमने माना था।
इस तरह 3+2√5 एक अपरिमेय संख्या सिद्ध हुई।
Class 10 Maths Chapter 1 Ex1-3 | Ex1.3 Class 10 Maths Q3 सिद्ध कीजिए कि निम्नलिखित संख्याएँ अपरिमेय हैं।
Ncert Solutions For Class 10 Maths Chapter 1 ex 1.3 Q3

 

Solution
(i)  1  
     √2
इसे हम विरोधाभाष विधि से सिद्ध करेंगें।
माना   1    परिमेय संख्या है।
         √2
परिमेय संख्या की परिभाषा के अनुसार – परिमेय संख्या , वह संख्या होती है जिसे p/q के रूप में लिखा जा सकता है। जहां q ≠ 0
अतः
 ⇒    P   =   1  
        q       √2
भिन्न को पलट कर लिखने पर
⇒     q   = √2 ———–1
         P
समी 1 से स्पष्ट होता है कि  q   एक परिमेय संख्या है अर्थात्
                                    P
बायां पक्ष एक परिमेय संख्या है , तो फिर दांया पक्ष भी एक परिमेय संख्या ही होगी।
लेकिन हम जानते हैं कि √2 एक अपरिमेय संख्या है।
इस प्रकार से हमने जो माना था वह गलत सिद्ध हुआ।
अतः  √2 एक अपरिमेय संख्या ही है । इस कथन की पुष्टि होती है।
(ii) 7√5
इसे हम विरोधाभाष विधि से सिद्ध करेंगें।
माना 7√5 एक परिमेय संख्या है।
परिमेय संख्या की परिभाषा के अनुसार – परिमेय संख्या , वह संख्या होती है जिसे p/q के रूप में लिखा जा सकता है। जहां q ≠ 0
अतः
 ⇒   P   =  7√5
        q
⇒    P   =  √5 ———–1
      7q
समी 1 से स्पष्ट होता है कि  P   एक परिमेय संख्या है अर्थात्
                                   7q
समी 1 का बायां पक्ष एक परिमेय सख्या है तो समी 1 का दायां पक्ष भी एक परिमेय संख्या ही होगा।
लेकिन हम जानते हैं कि 7√5 एक अपरिमेय संख्या है।
इस प्रकार से हमने जो माना था वह गलत सिद्ध हुआ।
अतः 7√5 एक अपरिमेय संख्या ही है । इस कथन की पुष्टि होती है।
(iii) 6+√2
इसे हम विरोधाभाष विधि से सिद्ध करेंगें।
माना 6+√2 एक परिमेय संख्या है।
परिमेय संख्या की परिभाषा के अनुसार – परिमेय संख्या , वह संख्या होती है जिसे p/q के रूप में लिखा जा सकता है। जहां q ≠ 0
अतः
⇒   P   =  6+√2
       q
  P  -6 = √2
      q
⇒    P – 6q = √2 ———1
          q
समी 1 से स्पष्ट होता है कि P – 6q   एक परिमेय संख्या है
                                       q
अर्थात् समी 1 का बायां पक्ष एक परिमेय संख्या है तो समी 1 का दायां पक्ष भी एक परिमेय संख्या ही होगा।
लेकिन हम जानते हैं कि 6+√2 एक अपरिमेय संख्या है।
इस प्रकार से हमने जो माना था वह गलत सिद्ध हुआ।
अतः 6+√2 एक अपरिमेय संख्या ही है । इस कथन की पुष्टि होती है।
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